[Show all top banners]

sano_kanchha
Replies to this thread:

More by sano_kanchha
What people are reading
Subscribers
:: Subscribe
Back to: Kurakani General Refresh page to view new replies
 'रोटी के लिए यहाँ आए...अब कहाँ जाएँ?'
[VIEWED 4514 TIMES]
SAVE! for ease of future access.
Posted on 05-14-08 3:41 PM     Reply [Subscribe]
Login in to Rate this Post:     0       ?    
 

'रोटी के लिए यहाँ आए...अब कहाँ जाएँ?'
 

 
 
जयपुर में घायल मिलन
जयपुर में हुए धमाकों में मरने वालों की संख्या 63 हो गई है जबकि 200 अन्य घायल हैं
मिलन नेपाल का रहनेवाला है...एक महीने पहले ही जयपुर आया है और मंगलवार के धमाकों में घायल होने के बाद आज बुधवार सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती है.

मिलन की कहानी आपको इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि मिलन छोटी चौपड़ थाने में खाना बनाने का काम करता है. वो थाने में सबके लिए रोटी बनाता है, सब सिपाही खाते हैं और 'जयपुर की रक्षा' करते हैं.

मंगलवार को थाने के पास जब विस्फोट हुआ तो मिलन भी उसकी चपेट में आ गया जिसके बाद उसे कुछ अनजान हाथों ने घायल हालत में अस्पताल तक पहुँचाया.

पर धमाके में घायल होने के कई घंटों बाद तक इस थाने का कोई भी पुलिसवाला या अधिकारी मिलन का हाल पूछने नहीं आया, न ही उसकी दवा-पानी की सुध लेने कोई पहुँचा.

अधिकारियों की ओर से मिलन से ऐसा कोई वादा भी नहीं किया गया है कि उसे इस धमाके में घायल होने के बाद थाने की ओर से कोई सहायता या राहत दी जाएगी.

और मिलन... सरकारी दवाइयों, टांकों, रिसते घावों और किसी समाजसेवी संस्था से मिले बिस्किट के पैकेटों को सिराहने रखे अपने हाल को रो रहा है.

मिलन अभी बात कर पाने की स्थिति में नहीं है. दूर का एक रिश्तेदार, कमल, जो उसे जयपुर लाया था, बताता है कि जब उसे मिलन के घायल होने की ख़बर मिली तो वो भागा-भागा अस्पताल आया और पाया कि वो बिन कपड़ों के, खून में लथपथ, वार्ड के बाहर बरामदे में फर्श पर पड़ा है. उसी ने बाद में मिलन को अंदर ले जाकर भर्ती कराया.

दोनों इतने डरे हुए हैं कि अभी तक उन्होंने मिलन के घरवालों को इस घटना की जानकारी तक नहीं दी है.

'जाएं तो जाएं कहाँ...'

 नेपाल में गांव के हालात बहुत ख़राब थे. अपना गुज़ारा चला सके इसीलिए रोटी कमाने के वास्ते ये नेपाल से इतनी दूर हिंदुस्तान आया. वहाँ क्या है जो वापस जाएँ? वहीं से तो मजबूर होकर यहाँ आए हैं
 
मिलन के एक दोस्त

पर क्यों, पूछने पर साथ बैठा रिश्तेदार, कमल बताता है, "आज तक तो ऐसा कुछ नहीं हुआ था. पता नहीं ये कैसे हो गया. अभी तो इसे आए हुए एक महीना भर हुआ है. अब तो सब भगवान के हाथ है."

और कुरेदने पर कमल बताता है, "नेपाल में गांव के हालात बहुत ख़राब थे. अपना गुज़ारा चला सके इसीलिए रोटी कमाने के वास्ते ये नेपाल से इतनी दूर हिंदुस्तान आया. वहाँ क्या है जो वापस जाएँ? वहीं से तो मजबूर होकर यहाँ आए हैं."

पर कम से कम उन पुलिसवालों से सहायता तो मांगी होती जिनके लिए ये काम करता था, इस पर मिलन बताता है कि फ़ोन करने पर भी किसी ने फ़ोन नहीं उठाया. बस, उसे ख़बर करा दी थी कि मिलन घायल हो गया है.

कमल कहता है, "जब यह घायल था तो जहाँ ये काम करता है, उस थाने का कोई पुलिसवाला मदद के लिए या हाल जानने नहीं आया. सुबह क्या होता है, क्या नहीं..इसपर क्या बात की जाए." मिलन आंसू भरी आँखों से इन बातों को स्वीकृति देता चलता है.

शरीर पर लगे ज़ख़्मों से ज़्यादा इस बात की चिंता उसके चेहरे पर साफ़ दिखाई देती है कि अस्पताल से तो कुछ दिन में छूट जाएगा पर आगे क्या-क्या देखना बाकी है? रोटी अभी क्या-क्या रंग दिखाएगी !

तो क्या शायद यही वो मजबूरी है जो देश, दुनिया के कई हिस्सों में चरमपंथी हमलों या आपदाओं का सामना करने वाले आम आदमी को फिर से पटरी पर चलने के लिए, दर्द पीने के लिए मजबूर करती है.

Last edited: 14-May-08 03:42 PM

 
Posted on 05-14-08 3:52 PM     Reply [Subscribe]
Login in to Rate this Post:     0       ?    
 

 very sad.

sano kanchha kata harako ni?


 
Posted on 05-14-08 4:05 PM     Reply [Subscribe]
Login in to Rate this Post:     0       ?    
 

प्रिती दि हराएको होइन नि , अड्डा को काम ले गर्दा आउन नपाको मात्र हो । केही समय पश्चात पुन आउने प्रयास गर्ने छु । हजुर के गर्दै हुनुहुन्छ । बिजुली ठेगाना पाए भने हजुर को चिट्ठी पठाम्थे क्यारे ।

सानो कान्छा  


 
Posted on 05-14-08 5:27 PM     Reply [Subscribe]
Login in to Rate this Post:     0       ?    
 

ये रोटी ही है जो लोगो को लोगो से लड्वाता है । मलीन की स्वास्थ लाव की कामना कर्ता हू।
Last edited: 14-May-08 05:28 PM

 


Please Log in! to be able to reply! If you don't have a login, please register here.

YOU CAN ALSO



IN ORDER TO POST!




Within last 200 days
Recommended Popular Threads Controvertial Threads
TPS Re-registration case still pending ..
ChatSansar.com Naya Nepal Chat
Toilet paper or water?
TPS EAD auto extended to June 2025 or just TPS?
Biden out, Trump next president, so what’s gonna happen to TPS, termination?
and it begins - on Day 1 Trump will begin operations to deport millions of undocumented immigrants
Tourist Visa - Seeking Suggestions and Guidance
From Trump “I will revoke TPS, and deport them back to their country.”
I hope all the fake Nepali refugee get deported
Anybody gotten the TPS EAD extension alert notice (i797) thing? online or via post?
Those who are in TPS, what’s your backup plan?
advanced parole
TPS Renewal Reregistration
Sajha Poll: Who is your favorite Nepali actress?
Biden said he will issue new Employment visa for someone with college degree and job offers
Why Americans reverse park?
Nepali Passport Renew
Driver license help ASAP sathiharu
They are openly permitting undocumented immigrants to participate in federal elections in Arizona now.
ढ्याउ गर्दा दसैँको खसी गनाउच
NOTE: The opinions here represent the opinions of the individual posters, and not of Sajha.com. It is not possible for sajha.com to monitor all the postings, since sajha.com merely seeks to provide a cyber location for discussing ideas and concerns related to Nepal and the Nepalis. Please send an email to admin@sajha.com using a valid email address if you want any posting to be considered for deletion. Your request will be handled on a one to one basis. Sajha.com is a service please don't abuse it. - Thanks.

Sajha.com Privacy Policy

Like us in Facebook!

↑ Back to Top
free counters