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Mrigtrishna
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Posted on 11-22-16 7:34
AM
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आँफु खुशी म मरे भोली रुन्छौ कि नाइँ बा ! बलिन्धरा आँशु ले पिडा धुन्छौ कि नाइँ बा ! सम्हालिएर आँफु, आमालाई सम्हाल्नु पर्दा कांपेका हातले मुहार मेरो छुन्छौ कि नाइँ बा ! सुनिदिएन कसैले हिजो म चिच्याएँ कति कति मौनतमा म चिच्याए भोलि सुन्छौ कि नाइँ बा ! रोला भाई बार्दलीमा सोध्ला नानी काँ गै भनी लुकाई गल्ती काहानी नयाँ बुन्छौ कि नाइँ बा ! सजाय तिम्लाई दिने निहुमा आँफै गल्ति गरेँ भने पछुतो मानी नयाँ बाटो अब चुन्छौ कि नाइँ बा !
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Just4Fun
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Posted on 11-22-16 11:30
AM [Snapshot: 88]
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Public
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Posted on 11-22-16 11:33
AM [Snapshot: 92]
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tesko_baje
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Posted on 11-22-16 11:36
AM [Snapshot: 96]
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Last edited: 08-Dec-16 05:25 PM
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Altijdgoede
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Posted on 11-22-16 3:00
PM [Snapshot: 157]
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अर्को दमदार प्रस्तुति तृष्णा जी | अन्तिम शेरमा अलि सिलसिला नमिले जस्तो लाग्छ तर मैले नबुझेको हुन सक्छ| एउटा मेरो कोशिस है त | आँशु टिलपिल लुकाएर, मुस्काएको देखेकी छु म ढल्दा निस्प्राण, चकनाचुर हुन्छौ कि नाइँ बा !
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Mrigtrishna
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Posted on 11-22-16 9:39
PM [Snapshot: 244]
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Just4fun ji and public ji , धेरै धेरै धन्यबाद | Tesko- baje ji, धेरै धन्यबाद | आजकल मन बिचलित छ | मर्ने तिरै पुग्छ सोचाई | बद्लियेला कुनै दिन मन पनि जीवन पनि ! आशाबादी छु| फेरी धन्यबाद notice गरि दिनु भएको मा | :) Altijdgoede ji:) नाम pronunce गर्ने नजान्ने नै भए म | :) थपिएको शेर निकै मिठो लाग्यो | धन्यबाद | तर सबै बा मायाका पर्तिमुर्ती हुदैनन् शायद | यी बाले बा हुनुको धर्म निभाउनु भएन , अनैतिक हुन पुग्नु भएछ ! नत्र छोरि मर्दा रुन्छौ कि रुन्नौ मैले सन्देह गर्न मिल्थेन | अब यो नजर ले पढ्दा शायद शेरहरु मिल्ला कि ? नमिल्दा हजुरहरुको सहयोगी हात Ta छदैछ | :)
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